टेस्ट चर्चा मंच के नये चर्चाकार हैं! |
कृतित्व- विगत एक दशक से ग्रामीण अंचल में सक्रिय पत्रकारिता और साहित्य सृजन विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं पुष्पगंधा प्रकाशन कवर्धा, खगौल पटना से संचालित "दोस्तों की दुनियाँ", शारदा साहित्य संस्था जोगीवाला, आकृति प्रकाशन पीलीभीत, नारी अस्मिता बड़ोदरा जैसे पत्रिकाओं में कविताओं का प्रकाशन सम्मान- पुष्पगंधा प्रकाशन कवर्धा से २००५ में "काव्य-सुमन",खगौल पटना से संचालित "दोस्तों की दुनियाँ" से श्रेष्ठ काव्य संवाददाता, शारदा साहित्य संस्था जोगीवाला से २००५ में "काव्य-गीतांजलि", आकृति प्रकाशन पीलीभीत से २००६ में "काव्य-कलश" सम्प्रति- उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ लेखक संघ (लेखक संघ कोसीर), उपसंस्थापक "मित्र-मधुर"2004 जहां विभिन्न जगहों अलग अलग राज्यों की दोस्तों की अमूल्य मंडली,एवं खगौल पटना से संचालित "दोस्तों की दुनियाँ" में कवि- संवाददाता, |
हिंदी महिमा..... हिंदी हिन्दुस्तानी, हिंद की ये भाषा इस हिंदी में छिपी हुई है, उन्नति की परिभाषा भारत माता की उर माला का, मध्य पुष्प है हिंदी माता के मस्तक पर, जैसे शोभित हो बिंदी यह भरती गागर में सागर, लिखता जग देख ठगा सा !! हिंदी .............................. इस हिंदी में महाकाव्य रच तुलसी हुए महान अर्थ गंभीर ललित श्रृंगारिक, सब करते गुणगान नीराजन यह भूमि भारत का, जन-जन की है यह आशा !! हिंदी .............................. अपनी संस्कृति अपनी मर्यादा, अपनी भाषा का ज्ञान यही एक पाथेय हमारा, रहे सदा यह ध्यान बिन इसके यदि बढ़ा कदम, हम बनेंगे जग में तमाशा !! हिंदी .............................. अपनी भाषा की समर्थता से, हम सामर्थ्य बढ़ाये प्रगति वास्तविक है तब ही, जब सब हिंदी अपनाएं भारत का उत्थान है हिंदी, अमृत निर्झर झरता सा !! हिंदी .............................. अपने घर में अपनी भाषा हिंदी अपमानित न होवें वह है अभागा अमृत पाकर कालजयी जो ना होवें हिंदी सेवा में जुटकर साथी, अब झटके दूर हताशा !! हिंदी .............................. हिंदी पर गर्व करेंगे जब हम, देश महान बनेगा दिग दिगंत में व्यापित हिंदी नवल वितान बनेगा भारत का मान बढेगा ऐसा, होगा अम्बर झुका-झुका सा !! हिंदी .............................. |
नीलकमल वैष्णव "अनिश" !
जवाब देंहटाएंमहोदय |
स्वागत है ||
aati uttam
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