पहले सब को मेरा नमस्कार ,यह चर्चा मंच बहुत कुछ सिखाता है बहुत कुछ जाने ने को मिलता है यह हम सब की एक चाबी है ! इसमे सब कुछ इकठा ही एक जगह पढ़ने को मिल जाता है!
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) जी को मेरा नमन
१.
१५ अगस्त के बलिदानों को समर्पित किया गया यह
“आजादी की वर्षगाँठ तो एक साल में आती है” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
२.
इनका बात ही निराला है ,इनकी रचनाये बहुत खूब
३.
कौशल की बाते
मेक-अप से बिगाड़ करती महिलाएं
४.
रविकर जी के क्या कहने
अंत उफ़ आसान थोड़ा
गम भरा *गम-छा निचोड़ा, *अंगौछा
बीच में ही *फींच छोड़ा | * धोना
दर्द रिश्ते से रिसा तो, खूबसूरत मोड़ मोड़ा |
५
मीनाक्षी क्या कहती है ?
एक पिता के कुछ यादगार पल बच्चों के नाम ...
६.
अपनी पहचान को तलाशता आगरा......ताजनगरी.....एक विरासतों का शहर
७.
विसू जी के क्या कहने दोस्ती का पैगाम
फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती
८
हे प्रभु अब लौट आओ ! ...... लक्ष्मी नारायण लहरे .
हे प्रभु अब लौट आओ ,
प्रेम की दयानिधि
आप सब को अच्छा लगा होगा फिर मिलेगे
विद्या जी!
जवाब देंहटाएंआपने अच्छी चर्चा की है मगर अभी आप लिंक लगाने में पारंगत नहीं हैं!
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दो चार चर्चा और लगाइए परीक्षण के लिए और अभ्यास के लिए भी!
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कुछ दिनों में आपको चर्चा मंच के चर्चाकार के रूप में जोड़ लिया जाएगा!
Vidya ji aapne achi charcha ki suruwat ki hai .badhai
जवाब देंहटाएंविद्या जी की चर्चा मंच परीक्षण में एंट्री ज़ोरदार रही .डॉ .शाष्त्री मयंक जी नए हस्ताक्षर गढ़ रहें हैं .बधाई .
जवाब देंहटाएंशुक्रवार, ५ अगस्त २०११
Erectile dysfunction? Try losing weight Health
...क्या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August 8
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/
super
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